1.) शौक नहीं है,
मुझे अपने जज़्बातों को यूँ सरेआम लिखने का …
मगर क्या करूँ,
अब जरिया ही ये है तुझसे बात करने का..............
2.) साथ ना रहने से रिश्ते टूटा नहीं करते ,
वक़्त की धुंध से लम्हे टूटा नहीं करते ,
लोग कहते हैं कि मेरा सपना टूट गया,
टूटी नींद है, सपने टूटा नहीं करत...........
3.) मेरी आँखों से आसूँ भले ही ना निकले हो
पर ये दिल आज भी तेरे लिए रोता है …
लाखों दिल भी मिल कर उतना प्यार नहीं कर सकते
जितना ये अकेला दिल तुमसे करता है............
6.) अकेले हम बूँद हैं, मिल जाएं तो सागर हैं
अकेले हम धागा हैं, मिल जाएं तो चादर हैं
अकेले हम कागज हैं, मिल जाए तो किताब हैं।
मुझे अपने जज़्बातों को यूँ सरेआम लिखने का …
मगर क्या करूँ,
अब जरिया ही ये है तुझसे बात करने का..............
2.) साथ ना रहने से रिश्ते टूटा नहीं करते ,
वक़्त की धुंध से लम्हे टूटा नहीं करते ,
लोग कहते हैं कि मेरा सपना टूट गया,
टूटी नींद है, सपने टूटा नहीं करत...........
3.) मेरी आँखों से आसूँ भले ही ना निकले हो
पर ये दिल आज भी तेरे लिए रोता है …
लाखों दिल भी मिल कर उतना प्यार नहीं कर सकते
जितना ये अकेला दिल तुमसे करता है............
6.) अकेले हम बूँद हैं, मिल जाएं तो सागर हैं
अकेले हम धागा हैं, मिल जाएं तो चादर हैं
अकेले हम कागज हैं, मिल जाए तो किताब हैं।
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