मैं उस से मिलने से इनकार करती हूँ.
पर मैं अब भी उस से प्यार करती हूँ.
पता नहीं क्या है रिश्ता उसका,
पर मैं अब भी उस से प्यार करती हूँ.
पता नहीं क्या है रिश्ता उसका,
जो उससे इतना प्यार करती हूँ |
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हर घड़ी सोचते हैं भलाई तेरी,
सुन नहीं सकते हैं बुराई तेरी,
हंसते-हंसते रो पड़ती हैं आँखें मेरी,
इस तरह से सहते हैं जुदाई तेरी…
सुन नहीं सकते हैं बुराई तेरी,
हंसते-हंसते रो पड़ती हैं आँखें मेरी,
इस तरह से सहते हैं जुदाई तेरी…
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