सुनो मैं अपने माँ बाप को छोड़ कर तुम्हारे पास
आऊंगी..........
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अपना आंगन, अपनी गलियां और अपना वो घर सब छोड़ जाऊँगी
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फिर तुम्हारे सिवा मेरी कोई दुनिया नहीं
होगी.............
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जितनी भी ज़िन्दगी होगी, बस तुम्हारे
लिए और तुम्हारे साथ होगी....
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फिर हम अपनी एक अलग दुनिया बसाएंगे……..
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तुम्हारे घर को हम मिल कर जन्नत बनाएंगे !
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माँ बाप और भाई ने जो इज्जत इतने सालों से संभाल रखी
थी........
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वो बडे प्यार और विश्वास से आने वाले कल तुम्हारे हाथो मे
सौंप देगे
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और बस कुछ दिनों में हमारी शादी हो जाएगी…………………
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फिर मैं अपनों से पराये होकर सिर्फ तुम्हारी हो जाओगी !
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मेरी मम्मी-पापा, मेरा भाई– बहन खड़े होंगे,
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एक कोने में चुप-चाप केवल मुझे देख रहे
होंगे.................
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मेरी विदाई वाले दिन मेरी बातो को याद करके वो सभी रोयंगे,
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फिर भी मुझे तुम्हारे साथ भेज देगे ! क्या तुम जानते हो ?
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मैं अपने परिवार से बहुत प्यार करती हूँ.......
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मगर तुम्हारे लिए अपने परिवार को भी छोड़ आउंगी
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मगर देख लेना कहीं तुम मुंह ना फेर लेना फिर
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मैं अपनो से हुई पराई अपना किसे बुलाऊगी .........
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फिर मैं खुद को समझा – बुझा कर तेरे
साथ तेरी दुनिया में आ जाउगी.............
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फिर मै तेरे घर को खुशियों से भर दूंगी, कभी तुझे
शिकायत का मौका नहीं दूँगी
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बस तुम से एक अनुरोध है
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मेरे परिवार को हमेशा इज्जत और पूरा मान-सम्मान देना...
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धन्यवाद
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अनु मेहता
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