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Showing posts from June, 2018

ज़िन्दगी

प्यार में फिर से पड़ने लगी हूँ भरी भरी सी हैं ज़िन्दगी ,   भावो में बहने लगी हूँ हाँ मैं तेरे प्यार में फिर से पड़ने लगी हूँ सोचा रुक जाएगी ज़िन्दगी , जब उसने मेरे दिल को तोडा लेकिन तूने आके मेरी ज़िन्दगी में इसका टुकड़ा टुकड़ा जोड़ा, सपने लेने छोड़ दिया था , लगी थी तनहा सा रहने अब तू मिला ज़िन्दगी में और तेरे सपने के सागर में लगी हूँ बहने भरी भरी सी हैं ज़िन्दगी ,   भावो में बहने लगी हूँ …. चली गयी थी चेहरे की हंसी आने लगे थे दुःख तुम मिला ज़िन्दगी में अब सच हैं सारे सुख प्यार एक शब्दो का खेल हैं , ऐसा लगा था सबसे कहने आज तो फिर से प्यार हो गया और लगी हूँ तेरे ख्वाबो में रहने भरी - भरी सी हैं ज़िन्दगी , भावो में बहने लगी हूँ …  

अगर बस में मेरे होता

अगर बस में मेरे होता, तो आसमान से तारे तोड़ लाती , अगर बस में मेरे होता तेरे कदमो में जन्नत बिछाती , अगर बस में मेरे होता तुझे दुनिया की सेर करा , एक नया ही जहां दिखलाती और तेरी राहों में फूल बिछाती , अगर बस में मेरे होता तो तेरे ख्वाब की हक़ीक़त बनती और तेरे सपने सच करती अगर बस में मेरे होता तो मैं खुद को तेरा आईना बनाकर अपनी पहचान बनती और तेरी तरह cute बन जाती...

एहसास

हर पल जो दिल को छू जाये कोई ऐसा एहसास लिखो, ख़ामोशी भी ज़ुबान बन जाए कोई ऐसी बात लिखो, हर लम्हा एक पल ठहर जाये कोई ऐसा इत्तेफाक लिखो, लिखने की हर हद पार हो इस कदर दिन रात लिखो, जिस पर हो उस चाँद का साया , आसमान के उन तारो की बारात लिखो, जिसे पढ़कर आंसू भी ना थम पाए , किसी वक़्त के ऐसे हालात लिखो, पूरी ज़िन्दगी कुछ शब्दों में ही उतर जाए उन शब्दों में कुछ ऐसा ख़ास लिखो, तेरा साथ पाकर मेरा हर लम्हा खूबसूरत बन गया, साथ तेरा जो मिला तो दिल को सुकून मिल गया, अब ना छोड़ेंगे तेरा साथ कभी........

मोहब्बत

मुझे उनसे बहुत मोहब्बत हो गई, अरे ये क्या कयामत हो गई, रातों की नींदें उड़ गई, दिन का चैन खो गया, मेरे दिल की तारें उनके दिल से जुड़ गई, हर रोज मेरी आंखे उनकी राह देखती है, और मन मे हर रोज एक नई किरण बनती है खुदा भी एक बार महरबानी हो जाए, और कबूल कर ले मेरी ये पुकार तो खुल जायेंगा अपने ये नसीब जब होंगे मेरा gugu मेरे करीब.............

तुझको चाहने लगी

दुनिया से मैं छिप – छिपाते , ना जाने कब तुझको चाहने लगी ! ना चाहते हुए भी चुपके-2 से तेरे पीछे आने लगी !   तुझे देखे बिना ना ही नींद आती और ना ही चैन मिलता है लगता है , ये दीवाना दिल तेरी यादो में खो गया है । मुझे तेरी यादो में रातों को रोने आता है !   सोचती हूँ , क्या है तेरा और मेरा रिश्ता ? जो तुम मुझे बहुत याद आते हो ,   काश ! तुम मेरे होते ,   फिर रोज नए सबेरे होते , लेकिन ये हो ना सका ,  ऐसा क्यों हुआ किस बात की सजा मिली हम दोनों को... कहा जाये,  किसे बताये इस दिल की बाते............

जाने क्या रिश्ता है जाने क्या नाता है तुमसे.........

जाने क्या रिश्ता है जाने क्या नाता है तुमसे अनजाना सा एहसास है अनजानी सी राह है जाने क्या चाहता है यह बावरा मन इसकी लीला यही जाने ना कहुँ तुझे चाँद का टुकड़ा ना कहुँ तुझे मेरे लिये बनाया है बस इतना कहुँ कि तू जीने का सहारा है जाने क्या रिश्ता है तुमसे जाने क्या नाता है अनजानी सी राहों पर चलना अनकही बातें महसूस करना हर आहट में तुझे महसूस करना शायद तुम्हे याद करने के तरीके बन गये है तेरी आँखों की नमकीन मस्तियाँ क्यों घायल करे मुझे इन एहसासों को कैसे बाँधू मैं मैं खो जाऊँ तुम्हारी इन नशीली आँखों में मैं फिर कहा जोर इस ज़माने को जाने क्या रिश्ता है क्या नाता है तुमसे